Sunday, July 16, 2017

धर्म परिवर्तन और दंगे कराने वाले विदेशी फंडेड एनजीओ पर जल्द गिरेगा सरकारी कहर


जुलाई 14, 2017

विदेशी चंदे से चलने वाले एनजीओ पर खतरे की तलवार लटक रही है। गृह मंत्रालय ने इन सभी एनजीओ को विदेशी #चंदे की फंडिंग को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिसके बाद सभी एनजीओ को 23 जुलाई तक अपने जवाब दाखिल करने होंगे। 
foreign ngos

अपने नोटिस में मंत्रालय ने पूछा है कि क्यों ना उनका फॉरेन कंट्रीब्यूशन (रेगुलेशन) एक्ट (एफसीआरए) #रजिस्ट्रेशन #कैंसिल कर दिया जाए। 

आपको बता दें कि लगभग 20 हजार एनजीओ एफसीआरए के तहत रजिस्टर हैं। इन्ही विदेशी पैसो से बहुत जगह देश में #धर्म परिवर्तन, #साम्प्रदायिकता, उन्माद फैलाया जाता है। इन बाहर से आने वाले #पैसों से गरीबों को पैसे का लालच दे उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है। कुछ मामलों में तो साम्प्रदायिकता नफरतें तक फैलाई जाती हैं । वहीं, लगभग 20 हजार एनजीओ #एफसीआरए के तहत रजिस्टर हैं। 

बता दे कि नवंबर 2016 में #सरकार ने 11,000 एनजीओ को निर्देश दिया था कि अपने रजिस्ट्रेशन के रिन्यूअल के लिए 28 फरवरी, 2017 तक आवेदन करें। इसके बाद फरवरी 2017 तक 3,500 से ज्यादा एनजीओ ने अपने रजिस्ट्रेशन के रिन्यूअल के लिए आवेदन किया। रिन्यूअल अप्लीकेशन न भरने के चलते लगभग 7000 हजार से ज्यादा #एनजीओ का #रजिस्ट्रेशन खत्म हो सकता है।

आपको बता दें कि #भारत में चलनेवाले #NGOs को 150 से ज्यादा देशों से हर साल 10,000 करोड़ रुपये से अधिक विदेशी चंदा प्राप्त होता है । इनमें #अमेरिका, यूरोप और संयुक्त अरब अमीरात से सबसे अधिक धन आता है ।


 #गृह मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2013-14 में 33,346 पंजीकृत #NGOs को विदेशों से लगभग 13,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए । विदेशों से मिलनेवाले चंदे के वार्षिक #रिटर्न्स (कर-विवरणी) न भरने पर वर्ष 2015  में सरकार द्वारा 31,000 से अधिक #NGOs  को नोटिस दिये गये थे ।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कुछ# NGOs समाजसेवा की आड़ में भारत में गरीब आदिवासियों के #ईसाईकरण तथा देशविरोधी गतिविधियों में संलग्न हैं ।


खुफिया एजेंसियों ने इरोड (तमिलनाडु) की एक #NGO ट्रिनिटी चैरिटेबल ट्रस्ट के बारे में अपनी रिपोर्ट में बताया कि ‘इसके मुख्य पदाधिकारी ने यह संस्था चर्च-परिसर में शुरू की थी जिसके 80 सदस्यों में से 70 धर्मांतरित हैं । इसके 2 ट्रस्टी भी धर्मांतरित हैं ।’


गौरतलब है कि विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्य संरक्षक# श्री अशोक सिंघल जी जब हिन्दू संत आशारामजी बापू से मिलने जोधपुर आये थे तो उन्होंने #संत आसारामजी बापू को षड़यंत्र में फँसाये जाने की बात उजागर करते हुए दावा किया था कि "देश में विदेशी पैसों से चलनेवाले ऐसे लाखों #NGOs हैं जो भारत की संस्कृति व संतों के खिलाफ कार्य कर रहे हैं ।"

इन खुलासों के बाद यह बड़ा सवाल है कि #भारत को तोड़ने के लिए धन मुहैया करानेवाले लोग कौन हैं ? 

विदेशों से चंदा लेकर भारत में धर्मांतरण व साम्प्रदायिकता का धंधा करनेवाले# NGOs को कब बंद किया जायेगा ?

आपको बता दें कि देश में जितने भी बड़े-बड़े आंदोलन होते हैं, साम्प्रदायिकता उन्माद फैलाता है, हिन्दू कार्यकर्ताओं की हत्या होती है, हिन्दू संतों को बदनाम करके जेल भिजवाया जाता है, धर्मांतरण करवाया जाता है, हिन्दुओं को मीडिया द्वारा बदनाम करवाया जाता है, जो भी राष्ट्र विरोधी कार्य होते हैं  उनके पीछे कहीं न कहीं विदेशी फंड से चलने वाले NGOs का हाथ होता है । जो भारत को तोडने के लिए काम कर रहे हैं ।

सरकार को अब इन NGOs पर जल्दी लगाम लगानी चाहिए जिससे देश में सुख शांति बनी रहे ।

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