Wednesday, December 13, 2017

जायरा के मामले में बड़ा खुलासा, नही हुई छेड़छाड़ी, कानून का हो रहा है भयंकर दुरुपयोग


December 13, 2017

देश में महिला कानून के दुरुपयोग और मीडिया ट्रायल के कारण एक दिन में ही कैसे निदोष व्यक्ति की ज़िंदगी बर्बाद हो जाती है यह एक ताजा मामला सामने आया है । 

यह घटना हर व्यक्ति को सोचने को मजबूर कर देती है कि क्या कानून बचाने के लिए है कि फंसाने के लिए? 

मीडिया में चार दिन से दंगल फ़िल्म में काम करने वाली कश्मीर की अभिनेत्री जायरा वसीम और मुंबई के विकास सचदेवा की खबरें सुर्खियों में हैं ।
Big disclosure in the case of Jaira, not tampered, law is being abused

आपको बता दें कि विकास सचदेवा नाम का एक व्यक्ति विस्तारा एयरलाइंस की फ्लाइट में सफर कर रहा था, उसी फ्लाइट में अभिनेत्री जायरा वसीम भी सफर कर रही थी।

दिल्ली से मुंबई आने वाली फ्लाइट जब मुंबई पहुँची तो वहाँ जायरा वसीम ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो के माध्यम से बताया कि मेरे साथ छेड़छाड़ी हुई है और किसी ने मेरी सहायता नही की ।

उसके बाद उसने पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई, जिसमें पुलिस ने आईपीसी की धारा 354 लगाई है। ये धारा शीलभंग करने के इरादे से हमला करने पर लगाई जाती है और पॉक्सो एक्ट लगाया जो नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न की धारा लगाई जाती है ।

विकास सचदेवा आधी रात को अपने घर पहुँचता है, सुबह उठकर पत्नी के साथ चाय-नाश्ता करता है, थोड़ी देर में घर पर पुलिस आकर गिरफ्तार कर लेती है, विकास और उनकी पत्नी को अभीतक पता नही है कि ऐसा क्यों हो रहा है, पुलिस थाने  जाने पर पता चला कि जायरा वसीम ने उनके ऊपर छेड़छाड़ी का आरोप लगाया है। विकास और उसकी पत्नी को बड़ा धक्का लगा लेकिन करे तो करे क्या ?
कोई उपाय नही था, पत्नी घर पर आ गई और पति को जेल भेज दिया गया।

टीआरपी की भूखी मीडिया ने भी विकास सचदेवा को "दरिंदा" और न जाने किस-किस नाम से खूब बदनाम किया, पूरे देशभर में विकास सचदेवा की बदनामी की गई, कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा ने भी ट्वीट करके सहानभूति जताई, और महिला आयोग एवं सभी सेक्युलर लोगो ने घटना की निंदा की ।

लेकिन वास्तविकता में सच क्या है उसको जानने की कोशिश किसी ने नही की, आइये आपको बताते है सच क्या है?

सहयात्री ने पुलिस में दिया बयान

फ्लाइट में जायरा वसीम के सहयात्री ने पुलिस को बताया कि वो उसी क्लाम में था जिसमें जायरा और विकास सफर कर रहे थे। सचदेवा प्लेन में आते ही सो गए। इस दौरान सोते वक्त आरोपी ने अपने पैर आर्मरेस्ट पर रख दिए। उन्हें नहीं लगता उन्होंने छेड़छाड़ की। उनकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने अपने पैर आर्मरेस्ट पर रखे। इसके अलावा उन्होंने कोई गलत व्यवहार नहीं किया। सचदेवा के इस व्यवहार पर जब जायरा चिल्लाने लगी तो उन्होंने माफी भी मांगी थी। विकास और सहयात्री एक दूसरे को नहीं जानते पर दोनों के बयान मेल खाते हैं।

दूसरी ओर से विस्तारा एयरलाइंस के अफसरों ने भी  बताया कि विकास प्लेन में पूरे समय सो रहा था।

विकास ने बताया गलती से टच हो गया पैर

विकास सचदेवा का कहना है कि उसने यह जानबूझकर नहीं किया, दिल्ली में अपने मामा की अंत्येष्टि में गया था पिछले 24 घण्टे से सोया नही था इसलिए वह काफी थका था और फ्लाइट में आते ही सो गया, सोते वक्त गलती से उसका पैर जायरा से टच हो गया। बाद में विकास ने माफी भी मांगी । विकास तो को पहले यह पता भी नही था कि सामने कोई महिला बैठी है, और वो भी एक अभिनेत्री है ।

आपने सच जाना जिससे आपको पता चला होगा कि एक निर्दोष व्यक्ति को एक दिन में मीडिया ट्रायल चलाकर कैसे बदनाम किया जाता है, लड़की ने महिला कानून का कैसे दुरुपयोग करके एक झूठा आरोप लगाकर बदनाम करवाया ।

क्या मीडिया सचदेवा की इज्ज़त वापिस लौटा पायेगी?
लड़कीं अगर दोषी निकली तो क्या कानून उसको सजा देगा ?

महिलाओं के लिए बने कानून महिलाओं के लिए ही घातक बन रहे हैं ।

निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिये बलात्कार निरोधक में सख्ती बनाकर कानून बने है पर कुछ लड़कियों द्वारा उस कानून का धुरन्धर दुरुपयोग किया जा रहा है, जब एक लड़की किसी निर्दोष पुरूष पर झूठा आरोप लगाती है और उस पुरुष को जेल भेज दिया जाता है, पर उसके साथ उसकी माँ-बहन-पत्नी-बेटी सभी जुड़े होते है, उनके लिए वो ही पुरूष आधार होता है, लेकिन जेल में जाने के बाद माँ-बहन-पत्नी-बेटी सब अनाथ हो जाते है । उसको घर का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो जाता है और समाज में बदनामी होती है वो अलग ।

विकास सचदेवा का केस था नही बनाया गया है, ऐसे कई केस है जिसमें लड़कियां झूठा केस कर देती है और मीडिया उसको खूब बदनाम करती है, उससे उसकी समाज में जो बदनामी हुई है और समय, पैसा, इज्जत सब कुछ गया है वो वापिस कौन लोटा पायेगा?

ऐसे कई उदाहरण है जिमसें खास करके हिन्दू समाज को बदनाम करने के लिए साधु-संतों को फंसाया गया हो और बाद में निर्दोष बरी हुए हो, जैसे कि गुजरात द्वारका के केशवानंदजी महाराज, दक्षिण भारत के स्वामी नित्यानंद, बैंगलोर मठ के शंकराचार्य राघवेश्वर भारती जिनके ऊपर बलात्कार का केस लगाया, मीडिया ने खूब बदनामी की और बाद में निर्दोष बरी किया।

इसी प्रकार का मामला सामने  है हिन्दू धर्म गुरु आसारामजी बापू का, उनके केस में न्यायालय में अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा जी ने किये कई सनसनीखेज़ खुलासे ।

- FIR करवाई गई घटना के 5 दिन बाद ।
- रजिस्टर के कई पन्ने संदिग्घ तरीके से फाड़ें गए ।
- FIR 2 दिन बाद न्यायालय में पेश की गई ।
- अलग-अलग सर्टिफिकेट में पाई गई लड़की की अलग-अलग उम्र ।
- FIR लिखते समय की गई वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई ।
- FIR और FIR की कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया ।
- मेडिकल में नहीं मिला एक खरोंच का भी निशान ।

क्या ये कहीं न कहीं बापू आसारामजी को फंसाने की साजिश नहीं..??



बलात्कार कानून की आड़ में महिलाएं आम नागरिक से लेकर सुप्रसिद्ध हस्तियों, संत-महापुरुषों को भी #ब्लैकमेल कर झूठे बलात्कार आरोप लगाकर जेल में डलवा रही हैं । कानून का दुरुपयोग करने पर वास्तविकता में जो महिला पीड़ित होती है उसको न्याय भी नही मिला पाता है ।

अभी हाल ही में न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने बताया कि दलालों द्वारा प्रतिवर्ष काफी संख्या में बालिकाओं तथा महिलाओं द्वारा दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज कराए जाते हैंं। जिसमे 90 प्रतिशत झूठे मामले निकलते हैं ।


सरकार और न्यायालय को मीडिया पर लगाम लगानी होगी जो झूठी कहानियां बनाकर व्यक्ति को बदनाम करते है और बलात्कार निरोधक #कानूनों की खामियों को दूर करना होगा। तभी समाज के साथ न्याय हो पायेगा अन्यथा एक के बाद एक निर्दोष सजा भुगतने के लिए मजबूर होते रहेंगे ।

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