Sunday, January 28, 2018

पाठ्यक्रम में पढाई जा रही क्रूर आक्रमणकारी ‘अलाउद्दीन खिलजी’ की वीरता की दास्तां

January 27, 2018

भारत देश को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था ।  इसलिए भारत देश शुरू से ही विदेशी आक्रांताओं के निशाने पर रहा । सन 187 ईस.पू. में मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद भारतीय इतिहास की राजनीतिक एकता बिखर गई । इस खंडित एकता के चलते देश के उत्तर-पश्चिमी मार्गों से कई विदेशी आक्रांताओं ने आकर अनेक भागों में एक ओर जहां लूटपाट की, वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपने-अपने राज्य स्थापित कर लिए । इन आक्रांताओं और लुटेरों में से कुछ तो महाक्रूर और बर्बर हत्यारे थे जिन्होंने भारतीय जनता को बेरहमी से कुचला । महिलाआें पर अत्याचार किए । उसी में से एक था ‘क्रूर आक्रमणकारी अलाउद्दीन खिलजी’ आैर इसी के वीरता के पाठ मध्यप्रदेश के बच्चों को पढाए जा रहे हैं। परंतु अलाउद्दीन खिलजी के हाथ लगकर अपना शील भ्रष्ट न हो इसलिए जिस रानी पद्मावती ने हजारों महिलाआें के साथ जाैहर किया उस महान रानी के विषय में कुछ भी पढाया नही गया है । इस तरह आक्रमणकारियों का उदात्तीकरण कर देश के महान महाराजा तथा रानियों के इतिहास की आेर अनदेखा कर आखिर प्रशासन क्या साबित करना चाहता है ?

मध्य प्रदेश : पद्मावती फिल्म का नाम बदलकर पद्मावत होने के बावजूद बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है । देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की आंच से मध्य प्रदेश भी झुलस रहा है । तमाम विरोध प्रदर्शनों के बीच एक सच्चाई यह भी है कि , आज भी मध्य प्रदेश के बच्चे रानी पद्मावती के इतिहास के बजाए अलाउद्दीन खिलजी के साम्राज्य के बारे में ही पढ रहे हैं ।
Courageous 'Alauddin Khilji' heroic tales of studying in the course

पद्मावती को राष्ट्रमाता घोषित करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब राज्य सरकार की याचिका उच्चतम न्यायालय द्वारा बरखास्त किए जाने के बाद विवरण दे रहे है कि, यह कानून व्यवस्था से ज्यादा जनभावना का मुद्दा है । परंतु हैरानी की बात ये है कि, मध्य प्रदेश की पाठशालाओं मे पढाई जाने वाली सामाजिक विज्ञान की किताबों में 6वीं से 10वीं तक रानी पद्मावती का उल्लेख तक नहीं है ।

नवंबर 2017 में मामला सामने आने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने पाठ्यक्रम में बदलाव की घोषणा की थी, परंतु सच्चाई यह है कि, दो महीने के बाद भी सरकार की आेर से अब तक इस बारे में कोई प्रस्ताव भी भेजा नहीं गया है ।

पाठशाला-संबंधी किताबों में अलाउद्दीन खिलजी के साम्राज्य के बारे में बताया गया है परंतु रानी पद्मावती की वीरता और पद्मावती के जौहर के बारे में एक शब्द नहीं लिखा गया है ।

उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में चलने वाली 12वीं कक्षा के इतिहास की किताब में मध्य प्रदेश के बच्चे पहली बार रानी पद्मावती के बारे में पढते हैं । किताब में वर्ष 1303 में अलाउद्दीन खिलजी की चितौड़ की विजय पर पूरा एक परिच्छेद है । मेवाड की राजधानी चित्तौड पर हमले के बारे में लिखा है कि, “कहा जाता है कि चित्तौड पर आक्रमण का उद्देश्य राणा रतनसिंह की अत्यन्त सुंदर स्त्री पद्मिनी को पाना था । चित्तौड के राजपूतों ने वीरता के साथ आक्रमणकारियों का सामना किया । परंतु विजय आखिर अलाउद्दीन को मिली और उसने चित्तौड के किले पर नियंत्रण कर लिया । रानी पद्मिनी और दूसरी राजपूत महिलाओं ने जौहर कर लिया । इसके बाद अलाउद्दीन ने गुस्से में हजारों राजपूतों को मौत के घाट उतार दिया । चित्तौड का नाम बदलकर खिज्राबाद रख दिया ।” स्त्रोत : हिन्दुजागृति

देश आजाद तो हुआ उसका जश्न जनता ने मनाया लेकिन भारत में पढ़ाये जाने वाले पाठ्यक्रम से आज़ादी नही मिल पाई, हमारे देश में कितने महान राजा हुए है जो पूरे दुनिया में एकछत्र सम्राट थे लेकिन उनका इतिहास कहीं नही पढ़ाया जाता ।

क्रूर आक्रमणकारी मुगल जिन्होंने भारत के मंदिर तोड़ दिए, भारतवासियों का खुल्लेआम कत्लेआम कर दिया, बहु-बेटियों की इज्जत लूटी, बलात्कार किये, भारत की संपत्ति लूट गये, भारतीय संस्कृति को तहस नहस कर दिया, भारत को 800 साल गुलाम रखा उन क्रूर मुगलों का इतिहास पढ़ाया जाता है ।

दूसरा अंग्रेजो का भी यही है जिन अंग्रेजो ने भारत को 200 साल तक गुलाम रखा, भारत को लूटकर ले गये, भारतीय इतिहास को मिटाने का पूर्ण प्रयास किया, वैदिक शिक्षा पद्धति को मिटा दिया आज उनका इतिहास में महिमा मंडन किया जा रहा है।

भारत के जिन वीरों ने इनको भागने पर मजबूर कर दिया, देश के खातिर प्राणों की आहुति दे दी आज उनका नाम इतिहास से मिटा दिया गया है जिसके कारण आज की नई पीढ़ी समझ ही नही पा रही है कि वास्तव में हमारे प्रेरणा स्त्रोत कौन हैं !
 आज जो शिक्षा पद्धति गलत पढ़ाई जा रही है उसके कारण ही आज गरीबी, भ्रष्टाचार, दंगेबाजी, हो रही है, अगर ऐसा गलत इतिहास नहीं पढ़ाया जाये तो सब दंगे बन्द हो जायेगा और देश में सुख शांति और समृद्धि बढ़ेगी ।

केंद्र सरकार और राज्य सरकार को इस पर अति ध्यान देना चाहिए,  इतिहास को सुधारना जरूरी है इतिहास सुधरेंगा तो देश की जनता सुधरेगी और देश में भ्रष्टाचार, गरीबी मिट जाएगी और देशवासी भी सुसंस्कारित होंगे ।

No comments:

Post a Comment