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Tuesday, September 12, 2017

14 बाबाओं की लिस्ट बनाने वाला नरेन्द्र गिरी खुद निकला फर्जी, देशभर में हो रहा है विरोध

सितम्बर 12, 2017


नरेन्द्र गिरी ने अभी इलाहाबाद में मीटिंग करके बाबा राम रहीम, राधे मां आदि 14 साधुओं की लिस्ट बनाकर उनको फर्जी घोषित किया । लेकिन आज उनका देशभर में कई जगह पर पुतला जलाया गया है और कई जगहों से लीगली नोटिस निकाली जा रही है तो कई जगह पर देशव्यापी आंदोलन होने जा रहा है।
Narendra Giri himself is bogus

हिन्दू संत आसारामजी बापू के अधिवक्ता सज्जनराज सुरणा ने फर्जी बाबाओं की लिस्ट में आसारामजी बापू के नाम पर कहा कि अखाड़ा परिषद को यह अधिकार किसने दिया..??? 
कैसे वे किसी को फर्जी घोषित कर सकते हैं..??

टीवी पर ऐसे बोलते हैं जैसे डॉग्स। घिन्न आती है इन पर मुझको।
 चार लोग कैसे किसी का फैसला कर सकते हैं जबकि यह सन्यासी बन चुके तो इनकी सीविल डेथ हो चुकी है। बकवास करते रहते हैं ये लोग।

 इस पर पत्रकारों ने अगला सवाल कानूनी कार्रवाई को लेकर पूछा तो वे बोले कि कुत्ते भौंकते रहते हैं। किस-किस कुत्ते पर कार्रवाई करूँ ।

उनके ही अखाड़े में रहने वाले साधु ने उन पर आरोप लगाया है कि..

आचार्य कुश मुनि ने बताया कि मैंने अखाड़ों में हो रहे भ्रष्टाचार व चरित्रहीनता को देखकर 2012 में  छोड़ दिया था ।

नरेंद्र गिरी मेरा नाम फर्जी संतो की सूची में कैसे डाल सकता है..??
 और वो भी एक ऐसा आदमी मेरा नाम कैसे डाल सकता है जिस पर (नरेन्द्र गिरी)  खुद अनेकों आरोप लगे हैं । गिरी का अपराधिक इतिहास रहा है, गिरी ने स्वयं मठ की संपत्ति एक सपा के भूतपूर्व विधायक महेश सिंह को बेची थी। गिरि एक प्रॉपर्टी डीलर दलाल है, गिरी समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव के परिवार का दलाल है। ये कहां से हो गया अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष और अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष तो ज्ञानदास है।

नरेंद्र गिरी महाराज ने इलाहाबाद में सचिन दत्ता से पैसे लेकर के एक महामंडलेश्वर बनाया सच्चिदानंद गिरी, जब पूरे समाज ने विरोध किया तब जाकर के इसने वापस लिया। ये क्या बात करेंगे जो महामंडलेश्वर पद बेचते हैं। 

समाज में नशे, गांजा चरस अफीम इन सब का प्रचार-प्रसार अखाड़े करते हैं, नई पीढ़ी को गुमराह अखाड़े करते हैं अखाड़े देश के विकास में कोई योगदान नहीं करते है। इनमें साधुता जैसे कोई लक्षण नहीं हैं,केवल गाँजे से इनकी सुबह होती है और साधु अपने आप को कहते हैं,इनसे बड़ा राक्षस कोई नहीं है, ये अपने आप को साधु कहते हैं,ये साधु कहां से हैं..?? संत के नाम पर कलंक हैं ।
मेरा ये मानना है तथाकथित अखाड़े के साधु का समाज बहिष्कार करें तभी हिंदू धर्म सुधर सकता है ।

दांडी अचुत्यानंद जी महाराज ने कहा कि नरेन्द्र गिरी जो अपने आपको तथाकथित अखाड़े का अध्यक्ष कहता है वो प्रमाण दे, कब उसका रजिस्ट्रेशन हुआ  है ? क्या उसका बायो लॉज है ? और किस अधिकार से उन्होंने फर्जी संत की व्याख्या करी ? कौन होता है वो फर्जी संत कहनेवाला ? किसने अधिकार दिया उसको? वो अधिकार के कागजात दिखाये । कौन से बायो लॉज में है ? वो कैसे कह सकता है? उसको भोगना पड़ेगा, प्रायश्चित करना पड़ेगा । उसका अधिकार क्षेत्रहीन है ।

गिरी पूर्णरूप से दोषी हैं,उसका प्रायश्चित करें वो माफी मांगे, माफिपत्र दे ।

अचुत्यानंद स्वामी ने कहा कि ये फ्लेट बेचते हैं, धर्माधर ट्रस्ट की सम्पति अपनी मानते है । 250 फ्लेट बनाकर बेच दिये, कहाँ जाता है पैसा..??
 कहाँ हिसाब है लाखों रुपयों का..???
अभी जगदीशपुर में जमीन बेची है इन्होंने । माननीय अखाड़ो ने बेची, जूना अखाड़ो ने बेची है ।

आपको बता दें कि संत आसारामजी बापू के करोड़ो भक्तों ने दावा किया है कि हमारे बापू को षड़यंत्र के तहत जेल में भेजा गया है अभीतक एक भी आरोप सिद्ध नही हुआ है ।
स्वामी विवेकानंद के 100 साल बाद World Religious Parliament में हिन्दू धर्म की ध्वजा फहराई है संत आसाराम जी बापू ने । अपने जीवन के 50 साल उन्होंने देश धर्म और संस्कृति पर न्यौछावर किये हैं ।


क्या किया है अखाड़ो वालो ने देश या समाज के लिए ?? 
किस आधार पर ये दूसरों को फर्जी लिस्ट में डाल सकते हैं,क्या प्रमाण है इनके पास कि ये फर्जी हैं..??

बस ये केवल अपनी बिगड़ती साख बचाने के लिए दूसरों को फर्जी संत घोषित कर रहे हैं ।