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Sunday, April 23, 2017

गौहत्या पर ड़ॉ.सुब्रमण्यम स्वामी ने बीबीसी को दिया करारा जवाब...

🚩गौहत्या पर ड़ॉ.सुब्रमण्यम स्वामी ने बीबीसी को दिया करारा जवाब...


🚩वरिष्ठ नेता बीजेपी ड़ॉ.सुब्रमण्यम स्वामी ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गाँधी ने कहा था कि अगर हमारे पास सत्ता आएगी तो मैं गोरक्षा के लिए काम करते हुए गोहत्या पर प्रतिबंध लगा दूँगा ।

🚩 #महात्मा_गाँधी ने साफ कहा था कि उनके लिए गाय का कल्याण अपनी आजादी से भी प्रिय है।
Dr Subramaniam Swamy, Retort, slaughter, BBC,

🚩देश में गोरक्षा की परम्परा हजारों साल से चली आ रही है और जब बहादुर शाह जफर को 1857 में दोबारा #दिल्ली की गद्दी पर बैठाया गया तो उनका पहला कदम था गोहत्या पर प्रतिबंध ।

🚩जब भारत का संविधान बना तो राज्य के नीति-निर्देशक तत्व बने, जिनमें कहा गया है कि सरकार को गोरक्षा करने और गोहत्या रोकने की तरफ कदम उठाने चाहिए ।

🚩हम पर ये आरोप लगता है कि हमने #हिंदुत्व के नाम पर इसे मुद्दा बनाया है जो सरासर गलत है, क्योंकि ये एक प्राचीन भारतीय परम्परा रही है ।


🚩सुप्रीम कोर्ट

🚩प्राचीन काल में सिर्फ गाय के लिए ही नहीं बल्कि मोर की रक्षा की भी परंपरा रही है और भारत में #मोर की हत्या पर 1951 में प्रतिबंध लगाने के अलावा उसे #राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया ।

🚩मोर की #हत्या करने पर सात साल के कारावास की सजा का भी प्रावधान है ।

🚩भारत में गोरक्षा को सिर्फ धार्मिक दृष्टि से देखना भी गलत है और इसके दूसरे फायदे नजर अन्दाज नहीं किए जाने चाहिए ।

🚩हमारे यहाँ 'बॉस इंडिकस' नामक गाय की नस्ल है और ये सर्वमान्य है कि उसके दूध में जो पोषक तत्व है, वो दूसरी नस्लों में नहीं है ।

🚩1958 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर गोहत्या पर प्रतिबन्ध लगाएं तो इससे इस्लामिक संप्रदाय को ठेस नही पहुँचनी चाहिए क्योंकि #इस्लाम में गोमाँस खाना अनिवार्य नही है ।

🚩आरएसएस प्रमुख और मेरी भी माँग यही है कि भारत में #गोहत्या पर प्रतिबंध लगना चाहिए ।

🚩मेरी अपनी माँग है कि गोहत्या करने वालों को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए और संसद में मेरे #प्राइवेट मेंबर्स बिल प्रस्तुत करने के बाद कई राज्यों ने इसकी सजा को आजीवन कारावास कर दिया है ।

🚩मेरे बिल में इस बात का भी सुझाव है कि जब गाय #दूध देना बंद कर दे तो कैसे उन्हें गोशालाओं में शिफ्ट किया जाए और इसके लिए एक नैशनल #ऑथॉरिटी का गठन होना चाहिए।


🚩जामनगर से गुवाहाटी

🚩रहा सवाल उन इतिहासकारों या विशेषज्ञो का जो अपनी रिसर्च के आधार पर दावा करते हैं कि प्राचीन काल और मध्य काल में भारत में गोमाँस खाया जाता था, तो ये लोग आर्यन शब्द का प्रयोग करने वाले अंग्रेजों के पिट्ठू हैं ।

🚩ताजा जेनेटिक या #डीएनए शोध के अनुसार कश्मीर से कन्याकुमारी और जामनगर से गुवाहाटी तक सारे #हिन्दुस्तानियों का डीएनए एक ही है ।

🚩हिंदू-मुसलमान का डीएनए भी एक है इसलिए सभी #मुसलमानों के पूर्वज हिंदू हैं ।

🚩इतिहासकारों ने #आर्यन्स और द्रविडियन्स का जो बँटवारा किया मैं उसे नहीं मानता।

🚩किसी भी #ग्रन्थ में इस बात का उल्लेख नहीं मिलता जिससे गोमाँस खाने के प्रमाण मिले या किसी तरह की अनुमति के प्रमाण मिलें ।


🚩मूलभूत अधिकार

🚩एक और सवाल #उठता है कि हर नागरिक का एक मूलभूत अधिकार होता है अपनी पसंद का, यानी जो पसंद होगा वो खाने का और इसे कोई छीन नहीं सकता ।

🚩लेकिन भारत के संविधान में ऐसा नहीं और हर मूलभूत अधिकार पर एक #न्यायपूर्ण अंकुश लग सकता है ।

🚩कल कोई कहेगा कि मैं अफीम खाऊँगा या कोकीन लूँगा, तो ऐसा नही हो सकता ।

🚩रहा सवाल एकमत होने का तो भारत में लगभग 80% #हिंदू हैं जिसमें से 99% गोहत्या के पक्ष में नहीं बोलेंगे तो अलग राय होने का सवाल ही नही।

🚩बात अगर #माइनॉरिटी राइट्स या अल्पसंख्यक समुदाय के हितों की रक्षा की है तो फिर ये आपको दिखाना होगा कि गोमाँस खाना उनके लिए अनिवार्य है ।

🚩जबकि #सुप्रीम कोर्ट ये कह चुका है कि ये अनिवार्य नही ।

🚩और ये कहना कि सिर्फ #मुसलमानों में कथित गोरक्षा मुहिम से संशय है तो ये बात गलत है।

🚩कई #हिंदू भी #गोहत्या करके निर्यात करते थे क्योंकि सब्सिडीज मिलती थी और कारोबार बढ़ता था बूचड़खाने खोलने से । उन्हें भी नुकसान होगा ।

🚩भगवान राम के अवतार से पहले सतयुग से ही गाय को माता के तरीके से पालन किया गया है और भगवान श्री कृष्ण तो स्वयं #गाय माता को चराने जाते है उसके रहने मात्र से वातावरण पवित्र हो जाता है उसके #दूध, घी, दही, गौमूत्र, गोबर का उपयोग करके जीवन मे व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है , जीवित गाय करोड़ो की कमाई करके देती है ऐसी पवित्र जीवन उपयोगी गौहत्या करना कहाँ तक उचित है?

🚩और ऐसी पवित्र गाय की रक्षा करने वालों को #प्रोत्साहित करना तो दूर रहा पर उनको गुंडा बोला जाता है जो कितना #शर्मनाक है ।

🚩गाय का पालन करना ही #मनुष्य मात्र के लिए उपयोगी है और गौहत्या करना विनाश का कारण है ।

Tuesday, February 14, 2017

सोशल मीडिया पर लाखों लोगों का एक ही नारा विदेशी वेलेंटाइन डे नहीं चाहिए

ग्राउंड लेवल के साथ-साथ सोशल मीडिया में भी धूम मची #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस की..!!

14 फरवरी आने से पूर्व ही विदेशी कम्पनियां अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए मीडिया आदि द्वारा वेलेंटाइन डे का खूब प्रचार करवाती है ।

लेकिन अब जनता चौकन्नी हो गई है, 14 फरवरी को लाखों-करोड़ो लोग वेलेंटाइन डे की जगह #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मना रहे हैं और उन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर अपलोड भी कर रहे है ।
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इन सब को देखते हुए वर्ल्ड न्यूज बीबीसी ने भी कवरेज करके लिखा है कि वेलेंटाइन डे को हटाकर उसकी जगह #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मनाने का प्रचार करने वाली साइटें युवकों को मानो संदेश दे रही हैं कि बेटा, गुलाब माताजी के पूज्य चरणों में अर्पित कर दो, गर्लफ्रेंड के चक्कर में न पड़ो क्योंकि 'महान राष्ट्र भारत की युवा पीढ़ी में वासना का जहर भरने की विदेशी साजिश है उससे सावधान रहे!'

ये सच है कि वेलेंटाइन डे भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं है, ये भी सच है कि वेलेंटाइंस डे के पीछे बाजार की ताकत है ।

वेलेंटाइन डे का विरोध करने वाले लोग ये मानते हुए दिखते हैं कि भारत की सभी समस्याओं का समाधान हिंदू धर्म की जड़ों में छिपा है, भारत जब पूरी तरह हिंदू हो जाएगा तो फिर से महान हो जाएगा, इसके लिए सतयुग की तरफ देश को लौटाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए ।

वेलेंटाइन डे के मामले में बजरंग दल के बल को खास कामयाबी नहीं मिलती देख, सोशल मीडिया के इस दौर में वैकल्पिक सांस्कृतिक धारा बहाने वाले लोग एक सूत्र में जुड़े हुए हैं ।

यह आइडिया कारागृह में बंद संत आसारामजी बापू का है, उन्होंने #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस की पूरी विधि, मंत्र, पूजन सामग्री, आरती और महात्म्य सब बताया है । इस पर्व की शुरुआत संत आसारामजी बापू ने 2006 से की है ।

हिन्दू संत आसारामजी बापू का ये आइडिया दो साल पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को बहुत पसंद आया, उन्हें मालूम था कि उनके शिखर पुरुषों को भी पसंद आएगा, इस तरह #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस राज्य में सरकार प्रायोजित कार्यक्रम बन गया ।

बिना सबूत 40 महीने से संत आसारामजी बापू जेल में बंद है लेकिन #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस का आयोजन लगातार जारी है, अगर आप गूगल सर्च करें तो आपको संत आसारामजी बापू द्वारा प्रेरित #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के समर्थन में बाबा रामदेव, राजनाथ सिंह, गोविंद, योगी आदित्यनाथ, रमण सिंह, राजस्थान सरकार के कई मंत्रियों के वीडियो मिल जाएंगे जो 14 फरवरी की इस नवजात परंपरा को उत्साहपूर्वक आगे बढ़ा रहे हैं । (बीबीसी - http://bbc.in/2kEL21y)

आज ट्वीटर पर भी एक टॉप में ट्रेंड चल रहा था #HappyParentsWorshipDay हैशटैग के साथ
जिसके द्वारा आज लोखों लोगों की ट्वीटस देखने को मिली।

आइए देखते हैं कुछ ट्विटर यूजर्स के विचार...

मातृ_पितृ_पूजन_दिवस (MPPD) के एक विशेष हैंडल द्वारा ट्वीट की गई है कि...
#Valentine Day के नाम पर युवापीढ़ी का पतन हो ऐसे दिन को त्याग,भारतवासी ऋषियों की संतान #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मनाएं। #HappyParentsWorshipDay https://t.co/IcYZ07KCNn


दिनेशजी का कहना है कि..
वेलेंटाइन मनाना मतलब 1 दिन के लिए हिन्दू धर्म छोड़ना!
#HappyParentsWorshipDay ही मनाये।


ममता लिखती है कि हमें आसारामजी बापू के कहे अनुसार मनाना है 14 फरवरी को माता पिता पूजन दिवस ।

आशुतोष ने लिखा है कि संत आसारामजी बापू की पावन प्रेरणा से हम युवा #HappyParentsWorshipDay मनाकर भौतिकवादी मूल्यों से हट कर सामाजिक मूल्यों की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।

कोमल ने लिखा कि भारत का भविष्य उज्ज्वल करना है, मातृ-पितृ-पूजन दिवस धूमधाम से मनाना है !


दीपक गंभीर लिखते हैं कि भौतिकवादी मूल्यों से हटकर सामाजिक मूल्यों की ओर बढ़ते कदम #HappyParentsWorshipDay
Asaram Bapu Ji की पावन प्रेरणा को विश्वस्तर पर अपनाया गया। 

नीलेश मकवाना का कहना है कि प्रेम-दिवस जरूर मनायें लेकिन प्रेम-दिवस से संयम व सच्चा विकास हो, जो माता-पिता के आदर से ही संभव है #HappyParentsWorshipDay



इस तरह से भारत के साथ-साथ विदेश से भी हजारों लोग बापू आसारामजी द्वारा प्रेरित #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस का समर्थन कर रहे थे ।

आओ हम भी अपनी संस्कृति अपनाएं ।
इस बार वैलेंटाइन डे नहीं #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मनाएं ।