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Monday, September 25, 2017

बलात्कर के मामलों में न्यायालय ने माना कि 90 प्रतिशत मामले झूठे होते हैं...

🚩 *बलात्कर के मामलों में न्यायालय ने माना कि 90 प्रतिशत मामले झूठे होते हैं...*

सितम्बर 25, 2017


🚩नारियों की सुरक्षा हेतु बलात्कार-निरोधक नये कानून बनाये गये । परंतु दहेज विरोधी कानून की तरह इनका भी भयंकर दुरुपयोग हो रहा है । दो दिन पहले प्रतापगढ़ जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने बताया कि दलालों द्वारा प्रतिवर्ष काफी संख्या में बालिकाओं तथा महिलाओं द्वारा दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज कराए जाते हैंं। जिसमें अनुसंधान के बाद अभियुक्तों के विरूद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किए जाते हैं। न्यायालय में गवाही के दौरान 90 प्रतिशत मामलों में पीडि़ताएं मुकर जाती हैं। जिसमें खेत, सम्पत्ति व रास्ते की रंजिश, पारिवारिक अथवा अन्य कारणों से अथवा अभियुक्त को ब्लेकमेल कर रुपए ऐंठने के लिए झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी, ऐसी स्थिति बताती है। पीडि़ताएं न्यायालय में स्वयं के द्वारा दी गई रिपोर्ट का भी समर्थन नहीं करती हैं ।
In the case of rape, the court admitted that 90 percent of the cases are false ...

🚩न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रकरण दर्ज करवाए जाने से बयान करवाए जाने तक सब कुछ पूर्व निर्धारित होकर न्यायिक प्रक्रिया का पूर्णत: दुरूपयोग किया जा रहा है।

🚩वर्तमान में हिन्दू साधु-संतों पर बलात्कार का आरोप लगने में बाढ़ सी आ गई है और मीडिया उनको खूब बदनाम कर रही है लेकिन आपको बता देते हैं कि षडयंत्र के तहत कैसे साधु-संतों पर झूठे आरोप लगाए जाते है।

🚩दस साल से स्वामी चिन्मयानंद के आश्रम में रहने वाली साध्वी चिदर्पिता ने बी पी गौतम के नाम के व्यक्ति से प्रेम विवाह कर लिया उसके बाद शाहजहापुर की कोतवाली में स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ रेप का आरोप लगाया और इतना गंदे गंदे आरोप लगाये कि यहाँ पर लिखने पर शर्म महसूस हो रही है, मीडिया ने भी स्वामी की खूब बदनामी की, लेकिन आठ महीने साध्वी अपने प्रेमी पति के साथ रही जब उससे झगड़ा हो गया तो फिर से आश्रम में रहने लगी और बोली कि मैंने दबाव में आकर उनके खिलाफ केस किया था ।

🚩गुजरात द्वारका के स्वामी #केशवानंदजी पर कुछ समय पूर्व एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया और न्यायालय ने 12 साल की सजा भी सुना दी लेकिन जब दूसरे जज की बदली हुई तब देखा कि ये मामला झूठा है, स्वामी जी को फंसाने के लिए झूठा मामला दर्ज किया गया है, तब स्वामी को न्यायालय ने 7 साल के बाद निर्दोष बरी किया ।

🚩ऐसे ही दक्षिण भारत के स्वामी #नित्यानन्द जी के ऊपर भी फर्जी सेक्स सीडी बनाकर रेप का आरोप लगाया गया और उनको जेल भेज दिया गया बाद में उनको हाईकोर्ट ने क्लीनचिट देकर बरी कर दिया ।

🚩ऐसे ही हाल ही में #शिवमोगा और बैंगलोर मठ के शंकराचार्य राघवेश्वर भारती स्वामीजी से एक #गायिका ने 3 करोड़ रुपये मांगे, नही देने पर 167 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया ।
उनको भी न्यायालय ने झूठा मामला देखकर शंकराचार्य जी को निर्दोष बरी कर दिया ।

🚩सुप्रसिद्ध हस्तियों को अपने जाल में #फँसाकर करोड़ों रूपये एठने का धंधा चल पड़ा है और नहीं देने पर उन पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें #जेल भेजने की कोशिश की जाती है।

🚩इसी प्रकार का मामला सामने  है बापू #आसारामजी और उनके बेटे #नारायण साईं का ।
उन पर #अक्टूबर 2013 में प्राथमिकी दर्ज की गई कि उनकेे आश्रम में रहने वाली सूरत गुजरात की 2 महिलायें, जो सगी #बहनें हैं, उनमें से बड़ी बहन ने बापू आसारामजी के ऊपर 2001 में और छोटी बहन ने नारायण साईं जी पर 2003 में #बलात्कार हुआ , ऐसा आरोप लगाया है ।

🚩किसके दबाव में आकर 11/12 साल पुराना केस दर्ज किया गया ?
 बड़ी बहन FIR में लिखती है कि 2001 में मेरे साथ बापू आसारामजी ने दुष्कर्म किया लेकिन जरा सोचिए कि अगर किसी लड़की के साथ #दुष्कर्म होता है तो क्या वो अपनी सगी बहन को बाद में #आश्रम में #समर्पित करा सकती है..???





🚩लेकिन बड़ी बहन ने छोटी बहन को 2002 में संत आसारामजी बापू आश्रम में सपर्पित करवाया था। उसके बाद छोटी बहन 2005 और बड़ी बहन 2007 तक आश्रम में रही । दोनों #बहनें 2007 में आश्रम छोड़कर चली जाती हैं 2010 में उनकी शादी हो जाती है और जनवरी  2013 तक वो बापू आसारामजी और नारायण साईं के #कार्य्रकम में आती रहती हैं, सत्संग सुनती हैं, #कीर्तन करती हैं। 


🚩लेकिन अचानक क्या होता है कि अक्टूबर 2013 में #बलात्कार का आरोप लगाती हैं और दिसम्बर 2014 में लड़की केस वापिस लेना चाहती है लेकिन सरकार द्वारा विरोध किया जाता है ।


🚩यहाँ तक कि केस 12 साल पुराना होते हुए भी, कोई सबूत न होते हुये भी, बापू आसारामजी की #वृद्धावस्था को देखते हुए भी, 81 वर्ष की उम्र में चलना-फिरना मुश्किल होते हुए भी, जमानत तक नही दी जा रही है ।

🚩लगातार #मीडिया द्वारा बापू आसारामजी की छवि को #धूमिल करने का प्रयास करना, सरकार द्वारा जमानत तक का विरोध करना और #न्यायालय का जमानत देने से इंकार करना इससे साफ साबित होता है कि यह मामला भी उपजाऊ और फर्जी है ।


🚩आज सुप्रसिद्ध हस्तियाँ और संतों को फंसाने में #महिला कानून का #अंधाधुन दुरूपयोग किया जा रहा है 

🚩आपको बता दें कि दिल्ली में बीते छह महीनों में 45 फीसदी ऐसे मामले अदालत में आएं जिनमें #महिलाएँ हकीकत में पीड़िता नहीं थी,बल्कि अपनी माँगें पूरी न होने पर बलात्कार का केस दर्ज करा रही थी ।

🚩छह जिला #अदालतों के रिकॉर्ड से ये बात सामने आई है कि बलात्कार के 70 फीसदी मामले अदालतों में साबित ही नहीं हो पाते हैं ।

🚩बलात्कार कानून की आड़ में महिलाएं आम नागरिक से लेकर सुप्रसिद्ध हस्तियों, संत-महापुरुषों को भी #ब्लैकमेल कर झूठे बलात्कार आरोप लगाकर जेल में डलवा रही हैं । कानून का दुरुपयोग करने पर वास्तविकता में जो महिला पीड़ित होती है उसको न्याय भी नही मिला पाता है ।

🚩बलात्कार निरोधक #कानूनों की खामियों को दूर करना होगा। तभी समाज के साथ न्याय हो पायेगा अन्यथा एक के बाद एक निर्दोष सजा भुगतने के लिए मजबूर होते रहेंगे ।

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Monday, May 8, 2017

रेप का झूठा आरोप लगाना पड़ा महँगा, युवती को 7 साल की सजा और लगाया जुर्माना

रेप का झूठा आरोप लगाना पड़ा महँगा, युवती को 7 साल की सजा और लगाया जुर्माना

8 मई 2017

‘बलात्कार शब्द सुनते ही न चाह कर भी बरबस इस ओर #ध्यान खिच जाता है । वैसे तो वर्तमान समाज में बहुत सारी समस्याएँ फैली हुई हैं लेकिन #दामिनी कांड के बाद देश में बलात्कार की शिकायतों (कम्प्लेंट्स) में हुई वृद्धि #चौंकाने वाली है । यह सोचने का विषय है कि #बलात्कार की शिकायतों में अचानक इतना इजाफा क्यों हो गया है ? क्या नये कानून बनने के बाद #नारियों में जागरूकता आयी है या इसका कारण कुछ और है ? इसका गलत फायदा उठाकर कहीं निर्दोषों को #फंसाया तो नहीं जा रहा है ? 
New Trend Of Fake Rape Cases

ऐसा ही एक रोहतक का मामला सामने आया है..

दुष्कर्म का #झूठा केस दर्ज करवाना एक युवती को महंगा पड़ गया। अदालत ने युवती को ही #दोषी करार देते हुए सात साल की सजा व 10 हजार रुपये का #जुर्माना भी लगाया। वहीं मामले में अदालत ने दुष्कर्म के आरोपियों को बेगुनाह बताकर #बरी कर दिया।

जानकारी के अनुसार इंदिरा कॉलोनी (रोहतक -हरियाणा) निवासी एक युवती ने जून 2015 में कॉलोनी के ही #संजय के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। संजय के परिवार के आठ सदस्यों पर साजिश रचने के #आरोप में नामजद किया गया था। अदालत में आरोपी पक्ष की तरफ से दुष्कर्म के मामले में ऐसे #सबूत पेश किए गए जिसमें युवती झूठी साबित हो गई। 

अदालत ने सबूतों के आधार पर #दुष्कर्म के सभी आरोपियों को वर्ष 2015 में बरी कर दिया। इसी दिन संजय ने अदालत में युवती के खिलाफ #मानहानि का केस चलाने की अपील की। अदालत ने इसे मंजूर करते हुए मानहानि का #केस चला दिया। 

इस मामले की बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई, जिसमें युवती को #दोषी ठहराया गया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र #न्यायाधीश मीनाक्षी वाईके बहल ने युवती को सात साल की #सजा सुनाई। दोषी को 10 हजार रुपये जुर्माना भी भरना होगा, अन्यथा छह माह की अतिरिक्त #सजा काटनी होगी।

फैशन बन गया है बलात्कार का आरोप लगाना 

रेप सम्बन्धी नये कानूनों के परिणाम, मीडिया की भूमिका, राजनैतिकों द्वारा  इसके इस्तेमाल आदि विभिन्न विषयों पर #वास्तविकता को जनता के समक्ष रखते हुए #शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना के सम्पादकीय में लिखा गया है : (बालिग, नाबालिग द्वारा ) छेडखानी और बलात्कार का आरोप लगाकर सनसनी पैदा करना अब फैशन हो गया है क्या ? 

ऐसा सवाल लोगों के #मन में उठने लगा है । ‘छेडखानी, ‘बलात्कार जैसे आरोप लगाकर #सनसनी फैलाने के मामले बढ़ने लगे हैं । ऐसे मामलों में सच बाहर आने के पूर्व ही उस संदेहास्पद अभियुक्त की ‘मीडिया ट्रायल के नाम पर जो भरपूर बदनामी चलती है, वह बहुत ही #घिनौनी है । 

टीवी #चैनलों के लोग ‘वारदात, ‘सनसनी जैसे आपराधिक #कार्यक्रमों में बलात्कार का ‘आँखों देखा हाल दिखाकर ऐसा #दर्शाते हैं कि उन्होंने जैसे अपनी खुली आँखों से बलात्कार देखा हो । संदेहास्पद बलात्कार के मामलों को छौंक-बघारकर पाठक तथा दर्शकों तक #परोसा जाता है । 

चरित्रहनन तथा बदनामी, राजनीति में एक बहुत बडा #हथियार बन गया है । कानून #महिलाओं के साथ है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ऐसे कानून का कोई गलत इस्तेमाल कर किसी को भी #तख्त पर चढ़ाये । बलात्कार बहुत ही #घिनौंना और गम्भीर मामला है । कोई भी महिला यह कलंक क्षणभर भी #बर्दाश्त नहीं कर सकती । लेकिन इन दिनों बलात्कार का आरोप तथा शिकायत (तथाकथित) घटना घटित होने के छः-छः महीने और दो-दो, बारह-बारह साल के बाद दाखिल की जाती है । (संत आशारामजी बापू व उनके बेटे #नारायण साँईजी पर तो दो महिलाओं को मोहरा बनाकर 12 व 11 साल पहले #बलात्कार हुआ ऐसी कल्पित, झूठी कहानी बना के मामला #दर्ज करवाया गया है । 

कुछ समय पहले मुंबई #पुलिस दल के एक बहादुर अधिकारी #अरुण बोरुडे पर भी ऐसा ही आरोप लगाया गया और उन्होंने #आत्महत्या कर ली । जाँच के बाद बोरुडे #निर्दोष साबित हुए । बलात्कार का आरोप यह बडों के खिलाफ विरोध का एक #हथियार बन गया है । छेडखानी, बलात्कार यह अमानवीय है लेकिन इस तरह के गलत आरोप लगाकर स्त्रीत्व का #बेजा इस्तेमाल करना भी समस्त महिला समुदाय को कलंकित कर रहा है ।


इसका समाधान कौन करेगा ? 

दिल्ली, फास्ट ट्रैक कोर्ट के #न्यायाधीश श्रीमती निवेदिता शर्मा ने भी कहा कि ‘‘इन दिनों बलात्कार या यौन-शोषण के झूठे #मुकद्दमे दर्ज कराने का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है, जो चिंताजनक है । इस तरह के चलन को #रोकना बेहद जरूरी है ।

आम नागरिक से लेकर #प्रसिद्ध हस्तियों तक सभी के लिए असुरक्षिता का माहौल क्यों पैदा हो रहा है ? महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी अपने को #असुरक्षित महसूस क्यों कर रहे हैं ? संयुक्त परिवार क्यों टूट रहे हैं ? इसे जानने के लिए विभिन्न न्यायाधीशों, न्यायविदों, अधिवक्ताओं, #सामाजिक संगठनों के प्रमुखों एवं अन्य मान्यवरों ने प्रत्यक्ष अनुभव किया है । 

यह किसी #व्यक्ति-विशेष की नहीं बल्कि एक #सामाजिक समस्या है । इससे समाज के सभी वर्ग #प्रभावित हो रहे हैं । इस समस्या के समाधान के लिए सबको #प्रयास करना होगा । नहीं तो हो सकता है कि कल आप भी इसके #चंगुल में आ जायें । 

अतः सावधान !

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Tuesday, December 27, 2016

रेप के झूठे केस में फंसाता था ये गिरोह, महिला वकील भी थी गैंग में शामिल..!!

रेप के झूठे केस में फंसाता था ये गिरोह, महिला वकील भी थी गैंग में शामिल..!!

राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने बलात्कार के झूठे मुकदमे में फंसाकर पैसे ऐंठने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है ।

 एसओजी ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है । गिरोह के तार गैंगस्टर आनंदपाल और उसके वकील से जुड़े हुए हैं । गैंग में कथित तौर पर एक महिला वकील भी शामिल है ।
Azaad-Bharat-false-rape-cases-by-gang-female-lawyer-was-involved-in-the-gang

पुलिस के मुताबिक, गिरफ्त में आए आरोपियों के नाम अक्षत शर्मा और विजय शर्मा हैं । इस गिरोह ने महज ढाई साल के अंदर 25 लोगों को अपना शिकार बनाकर उनसे 15 करोड़ रुपये ऐंठे हैं । यह गिरोह कॉल गर्ल के जरिए अमीर लोगों को अपने जाल में फंसाकर ब्लैकमेल करता था । पुलिस की माने तो इनके गैंग में एक एनआरआई युवती भी शामिल है ।

गिरोह में शामिल कॉल गर्ल पहले अमीर लोगों से दोस्ती करती और नजदीकियों का फायदा उठाकर यह लोग उनके अश्लील वीडियो बना लेते थे । जिसके बाद शुरु होता था ब्लैकमेलिंग का घिनौना खेल । गिरोह का सरगना एडवोकेट नवीन देवानी है, जो गैंगस्टर आनंदपाल और अनुराधा चौधरी का वकील है ।

एसओजी के एडिशनल एसपी करण शर्मा ने बताया कि गिरोह में एनआरआई युवती के साथ कुछ वकील, बिजनेसमैन और आपराधिक गिरोह से जुड़े लोग भी शामिल हैं । एसओजी ने यह पूरा खुलासा जयपुर के एक नामी डॉक्टर सुनीत सोनी की शिकायत पर किया है । सोनी भी इस गिरोह की कारगुजारियों का शिकार हो चुके हैं और झूठे रेप केस की शिकायत पर 75 दिनों के लिए जेल भी जा चुके हैं ।

गिरोह के सदस्य डॉक्टर सोनी से बयान बदलने के नाम पर एक करोड़ रुपये भी वसूल कर चुके हैं । जिसके बाद हिम्मत दिखाते हुए डॉक्टर सोनी ने एसओजी से मामले की शिकायत की थी । एसपी करण शर्मा ने कहा कि गिरोह के सदस्य खुद को मीडिया से जुड़ा भी बता रहे हैं । फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर गिरोह के दूसरे सदस्यों के बारे में पता लगा रही है ।

निर्भया कांड के बाद नारियों की सुरक्षा हेतु बलात्कार-निरोधक नये कानून बनाये गये । परंतु दहेजरोधी कानून की तरह इनका भी भयंकर दुरुपयोग हो रहा है ।

आज निर्दोष प्रतिष्ठित व्यक्तियों से लेकर आम जनता तक सभी रेप कानूनों के दुरुपयोग के शिकार हो रहे हैं । 

महिला-सुरक्षा के लिए बनाये गये कानून महिलाओं के लिए ही घातक बन रहे हैं । झूठे रेप केसों के बढ़ते आँकड़ों को देखकर सभ्य परिवारों के पुरुष एवं महिलाएँ डरने लगी हैं । कोई भी निर्दोष पुरुष झूठे मामले में फँसाया जाता है तो उसके परिवार की सभी महिलाओं (माँ, बहनें, पत्नी,मामी, मौसी आदि आदि) को अनेक प्रकार की यातनाएँ सहनी पड़ती हैं ।

दिल्ली महिला आयोग की जाँच के अनुसार अप्रैल 2013 से जुलाई 2014 तक बलात्कार की कुल 2,753 शिकायतों में से 1,466 शिकायतें झूठी पायी गयी। विभिन्न कानूनविदों, न्यायधीशों व बुद्धिजीवियों ने भी इस कानून के बड़े स्तर पर दुरुपयोग के संदर्भ में चिंता जतायी है ।

वर्तमान में बलात्कार निरोधक कानून के दुरुपयोग का प्रत्यक्ष उदाहरण है संत आशारामजी बापू पर किया गया फर्जी केस । जिसमें न कोई ठोस सबूत है और न ही कोई मेडिकल आधार बल्कि उन्हें षड़यंत्र में फँसाये जाने के अनेकों प्रमाण सामने आये हैं –

1) आरोप लगानेवाली लड़की की मेडिकल जाँच करनेवाली डॉ. शैलजा वर्मा ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि “लड़की के शरीर पर रत्तीभर भी खरोंच के निशान नहीं थे और न ही प्रतिरोध के कोई निशान थे ।” 
2) प्रसिद्ध न्यायविद् डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने केस अध्ययन कर बताया कि ‘‘लड़की के फोन रिकॉर्ड्स से पता लगा कि जिस समय पर वह कहती है कि वह कुटिया में थी, उस समय वह वहाँ थी ही नहीं ! बापू आसारामजी पर ‘पॉक्सो एक्ट’ लगवाने हेतु एक झूठा सर्टिफिकेट निकाल के दिखा दिया गया है कि वह 18 साल से कम उम्र की है । यह केस तो तुरंत रद्द होना चाहिए ।’’

3) पुलिस द्वारा दर्ज आरोप-पत्र में मुख्य गवाह सुधा पटेल ने उसके नाम पर लिखे गये बयान को झूठा एवं मनगढ़ंत बताते हुए न्यायालय में कहा कि आज से पहले न मैं कभी जोधपुर आयी और न कभी कहीं बयान दिये थे । मुझे पता नहीं है कि पुलिसवालों ने मेरे हस्ताक्षर किस बात के करवाये थे ।

4) बापूजी के खिलाफ पूरा प्रकरण तैयार किया, जम्मू पुलिस ने उनमें से कइयों को गम्भीर अपराध में आरोपी पाया है । साजिश रचनेवाले गिरोह के शातिर षड्यंत्रकारी, तथाकथित पत्रकार सतीश वाधवानी को जम्मू पुलिस ने इंदौर से गिरफ्तार किया था । वाधवानी व अन्य आरोपियों पर बापूजी के खिलाफ आरोप लगाने हेतु लड़कियाँ तैयार करके यौन-शोषण के झूठे मामले बनाने, उनके आश्रम में मुस्लिम कब्रिस्तान से निकाले हुए बच्चों के कंकाल गाड़ के बापूजी के ऊपर हत्या के झूठे केस लगवाने तथा हिन्दू-मुस्लिम दंगा करवा के आश्रम को सदा के लिए बंद करवाने की साजिश रचने आदि के लिए अनेक संगीन आपराधिक धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था ।

गौरतलब है कि बापू आसारामजी पिछले 40 महीनों से जोधपुर कारागृह में हैं फिर भी बड़ी संख्या में माताएँ-बहनें उनकी सेवाओं में जुड़ती जा रही हैं, असंख्य महिलाएँ उनकी रिहाई की माँग के लिए सड़कों पर उतर आती हैं ।