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Wednesday, August 23, 2017

कवि: हिन्दू संस्कृति को दुश्मनों के हाथों से बचाना ही होगा



अगस्त 23, 2017
धर्मान्तरण, लव जिहाद, मीडिया और पाश्चात्य संस्कृति द्वारा हिन्दू संस्कृति एवं हिन्दू धर्म रक्षक संतों पर हो रहे कुठाराघात को लेकर एक कवि ने बहुत ही सुंदर कविता बनाई है ।
आइये पढ़ते है क्या लिखा है कवि ने...
हिन्दू संस्कृति को दुश्मनों के हाथों से बचाना ही होगा।
हिन्दुत्व की पताका को परचम पर लहराना ही होगा॥
हिन्दू संस्कृति को दुश्मनों के हाथों से बचाना ही होगा।
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बचाना ही होगा......

अत्याचार हो रहे निर्दोष संतों पर अपने ही देश में,
मानवता को शर्मसार कर रहे दुष्ट सज्जन के भेष में,
औकात क्या है इन दुष्टों की, अब इनको दिखाना ही होगा।
हिन्दू संस्कृति को दुश्मनों के हाथों से बचाना ही होगा।
बचाना ही होगा......
धर्मांतरण का चल रहा गौरख धंधा ईसाई मिशनरियों के दम पर,
पैसे, बल व शक्ति का दुरूपयोग कर रहे इस कुकर्म पर,
बन भगतसिंह, आजाद इन गौरों को भगाना ही होगा
हिन्दू संस्कृति को दुश्मनों के हाथों से बचाना ही होगा।
बचाना ही होगा......
लव जिहाद के नाम से फिर मुल्लों ने वार किया,
अपना नाम बदलकर बहनों की अस्मिता पर प्रहार किया,
द्रोपदी की लुटती अस्मिता को कृष्ण बन बचाना ही होगा,
हिन्दू संस्कृति को दुश्मनों के हाथों से बचाना ही होगा।
बचाना ही होगा......
हिन्दू धर्म की मान्यताओं का खूब मीडिया ने मजाक उड़ाया,
दूसरे धर्म की कुमान्यताओं को छुपाकर सिर पर बैठाया,
कमजोर नहीं है हिन्दुत्व ये मीडिया को दिखाना ही होगा,
हिन्दू संस्कृति को दुश्मनों के हाथों से बचाना ही होगा।
बचाना ही होगा......
पाश्चात्य संस्कृति की तरफ लोगों का रूझान बढ़ा,
हिन्दू संस्कृति भूल रहे धार्मिक मान्यताओं का अपमान बढ़ा,
बन विवेकानन्द, आशारामजी बापू विश्व को चेताना ही होगा,
हिन्दू संस्कृति को दुश्मनों के हाथों से बचाना ही होगा।
बचाना ही होगा......
कवि ने सच ही लिखा है कि हिन्दू संस्कृति को दुश्मनों के हाथों से बचाना ही होगा क्योंकि हिन्दू संस्कृति नही बचेगी तो दुनिया में से मानवता ही खत्म हो जाएगी ।
हिन्दू संस्कृति ही ऐसी है जिसने "वसुधैव कुटुम्बकम" के वाक्य को चरितार्थ कर दिखाया है और सर्वे भवन्तु सुखिनः की भावना रखती है ।
ईसाई चाहते कि ईसायत बढ़े, मुसलमान चाहते है मुस्लिम धर्म बढ़े, पारसी चाहते है कि पारसी धर्म का प्रचार, प्रसार हो ।
लेकिन हिन्दू धर्म ही एक ऐसा धर्म है जो चाहता है कि प्राणिमात्र का कल्याण हो, विश्व का मंगल हो ऐसी भावना किसी मत, पंथ या मजहब में नहीं देखने को मिलेगी ।
हिन्दू धर्म पुरातन नहीं सनातन है मुस्लिम मजहब को 1450 साल हुए, ईसाई पंथ को 2017 साल हुए बाकि जो भी धर्म हैं कुछ साल पहले ही बनाये गए हैं लेकिन सनातन (हिन्दू) धर्म जबसे सृष्टि की उत्पति हुई तब से है ।
दूसरे धर्म जैसे कि मुस्लिम धर्म की मोहम्मद पैंगबर ने स्थापना की, ईसाई धर्म की यीशु ने स्थापना की लेकिन हिन्दू धर्म की स्थापना किसी ने नही की ।
हिन्दू धर्म में कई भगवानों के अवतार हो गये लेकिन स्थापना नही की इसलिए हिन्दू धर्म ही सबसे प्राचीन और उत्तम है उसको तोड़ने के लिए दुष्ट प्रकृति के लोग लगे हुए हैं लेकिन सनातन धर्म न कभी मिटा है न कभी मिटेगा ।
लेकिन फिर भी आज सभी हिंदुओं का कर्तव्य है कि जिस धर्म में अपना जन्म हुआ उस पर हो रहे कुठाराघात को रोके ।
जैसे अधर्म बढ़ गया तो श्री कृष्ण ने भी युद्ध किया था तो हिन्दुओं को भी दुष्ट लोगों का नाश कर धर्म की रक्षा करने के लिए आगे आना होगा ।